गुजरात में सात दिन पहले हेलोदर गाँव में सरेआम चौराहे पर ज़िंदा जला दी गयी दलित महिला के नाम *****************************
इसी तरह। अब चाहो तो तुम मेरे बारे में भी अपनी राय बना सकते हो .
हो न हो ये दलित औरत भी शर्तिया ही .... रही होगी कोई छिनाल, रण्डी ,चालू ,मुँहजोर ?
बिना जाने समझे
अब तक तुमने मेरे बारे में अपनी राय बना ली होगी।
जैसे बनायी थी एक सफ़ेद चलती बस में इज्जत लुटती उस लड़की के लिए।
चालू थी , वर्ना इतनी रात में क्या कर रही थी अकेले लड़के के साथ ?इसी तरह। अब चाहो तो तुम मेरे बारे में भी अपनी राय बना सकते हो .
या कुछ और नाम दे दो , जो भी तुम लोगो ने सीखा है अपनी महान संस्कृति से.
लेकिन भूलना मत ...
व्यवस्था, जात और रवायतों की तीन तीन परतों में लिपटे ..लेकिन भूलना मत ...
औरत के शोषण से भरे ग्रंथो के सूत्रों की जब बखियां उघेड़ी जाएंगी।
उस दिन तुम्हारी वर्णव्यवस्था के मर्दवादी होने की पोल भी खुल के रहेगी।
क्योंकि बख्शा तो तुमने सीता को भी नहीं था।