बेल्चे लाओ, खोलो ज़मीन की तहें !! हम कहाँ दफ़न है, कुछ पता तो चले !! उसको मज़हब कहो या सिआसत कहो!! खुद्कुशी का हुनर तुम सिखा तो चले!