सोमवार, 21 अप्रैल 2014

सकल ताड़ना के अधिकारी

गुजरात में सात दिन पहले हेलोदर गाँव में सरेआम चौराहे पर ज़िंदा जला दी गयी दलित महिला के नाम *****************************



बिना जाने समझे
अब तक तुमने मेरे बारे में अपनी राय बना ली होगी।
जैसे बनायी थी एक सफ़ेद चलती बस में इज्जत लुटती उस लड़की के लिए।
चालू थी , वर्ना इतनी रात में क्या कर रही थी अकेले लड़के के साथ ?

इसी तरह। अब  चाहो तो तुम मेरे बारे में भी अपनी राय बना सकते हो .
हो न हो ये दलित औरत भी शर्तिया ही ....  रही  होगी कोई छिनाल, रण्डी ,चालू ,मुँहजोर ?
या कुछ और नाम दे दो , जो भी तुम लोगो ने सीखा है अपनी महान संस्कृति से.
लेकिन भूलना मत ...
व्यवस्था, जात और रवायतों की तीन तीन परतों  में लिपटे ..
औरत के शोषण से भरे ग्रंथो के सूत्रों की जब बखियां उघेड़ी जाएंगी।
उस दिन तुम्हारी वर्णव्यवस्था के मर्दवादी होने की पोल भी खुल के रहेगी।
क्योंकि बख्शा तो तुमने सीता को भी नहीं था।

10 टिप्‍पणियां:

  1. vishvnath ji ye samachar aapse hi mila aur ye unhi modi ji ka rajya hai jahan raat ke 2 baje bhi ladki ghoom sakti hai .shayad modi ji chunav me lage hain aisa isliye ho gaya hoga .janta sheeghr unhen vapas bhej degi tab vahan kee nari fir se suraksha prapt kar sakegi .bhavnatmak abhivyakti .

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  2. Shalini Mam'm आपकी टिपण्णी के लिए धन्यवाद। … और माफ़ी चाहूंगा - की इस घटना के बारे में पता चलने के बाद से एक अजीब सी शर्म थी अपने समाज और लोगो पर , जिसका परिणाम कुछ अतिरेक शब्दों के साथ बाहर निकला।
    आपने सही कहा , मोदी तो सिर्फ एक मोहरा है , उसका पूरा आधार ही हवा हवाई बातो, शोसल मीडिया , और इंटरनेट पर अपनी पूरी फ़ौज बिठा कर झूठे गुणगान पर टिका हुआ है। और मोदी जी का पूरा जोर सिर्फ झूठ बोलने और सच को दबाने में ही लगा रहता है।
    लेकिन असल में वो उसी विचारधारा का पोषक है जिसके मठाधीशो की रोजी रोटी ही समाज और लोगो को तोड़ने और उन्हें सामंती संस्कारो में उलझाये रखने से चलती है। वो जिनका सरगना कहता है की रेप इंडिया में होते है भारत में नहीं।
    ये घटना गुजरात में मोडासा जिले की मालपुर तहसील के हेलोडर नामक गाँव में १४थ अप्रैल की है , आप अखबारों में इसे खोज सकती है , घटना कितनी वीभत्स थी आप अंदाजा लगाइये की १४ लड़को ने उस औरत को घर से निकाल कर घसीट घसीट कर चौराहे पर लाकर "कैरोसिन डाल के ज़िंदा जला दिया।
    शायद इतनी बर्बरता तो पाषाण युग के मानव समाज में भी नहीं होती होगी।

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  3. Pagal log hi Modi ninda karte hain. Dnuniya mein kuchh bhi ghate bas Modi ko gali de di. Shame on such foolish people.

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  4. Intelligent people think several times before accusing anyone for anything , but unfortunately some feeble minded imbeciles love to accuse Modi for everything. Shame on such stupid lot.

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  5. विश्वानाथ जी , आपकी पोस्ट बहुत अच्छी थी , लेकिन 'शालिनी कौशिक उर्फ़ परवीन बानो', ने यहाँ आकर अपना जहर उगलना शुरू कर दिया ! इसके जैसे मूर्ख ही पिछले एक दशक से मोदी जी को २००२ के दंगों का जिम्मेदार बताकर देश को विदेशी गद्दार के हाथों में सत्ता सौपते हैं और न्यायालय की अवमानना करते हैं !सावधान रहिएगा इस परवीन बानो से ! अपने लेखन को विषाक्त मत होने दीजिये ऐसे कलुषित लोगों से !

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  6. परवीन बानों। .????? शालिनी कौशिक जी। ।???? M Confused ///////////

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  7. आदरणीय दिव्या जी -
    मेरा ये मानना है की आलोचना से ऊपर कोई नहीं है , या ये कहें की आलोचना से ऊपर कोई नहीं होना चाहिए , भगवान भी नहीं। श्री राम के समक्ष जनता द्वारा उठाये सवालो के प्रभाव में सीता का त्याग भी एक आलोचना का ही नतीजा था। इस बाबत अगर देखा जाए तो किसी भी राज्य में अगर ऐसी वीभत्स घटना घटती है तो इसका मतलब ये हुआ की वहाँ की तथाकथित दबंग या ऊंची जाती या रसूख वाले लोगो में प्रशाशन का डर नहीं है ,क्योंकि ये एक साधारण मार पीट , या आवेश में होकर किसी आदमी के क़त्ल का मामला नहीं था। ये बाकायदा १० -१५ लोगो ने उस औरत को घर से निकाल कर ज़िंदा जला दिया।
    इस हिसाब से अगर आप उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जी को या दिल्ली में शीला दिक्सित जी को ऐसी घटना के लिए दोषी मानती है तो इस घटना में मोदी जी की तरफ उंगली उठनी स्वावभिक है। और ये भी विचारणीय प्रश्न है की इतने शशक्त शोशल मीडिया के बाद भी ये खबर खामोशी से दब कैसे गयी।
    सबके अपने अपने राजनैतिक विचार और रुझान होता है , सवा अरब लोगो के देश में अलग अलग लोगो को आदर्श मानना और विभिन्न राजनीतिक दलों को समर्थन देना स्वाभाविक है , लेकिन मेरा ये मानना है की भले ही आप किसी के भी समर्थक हो। । लेकिन आपको इन बातो को इग्नोर नहीं करना चाहिए। क्योंकि अंततः सत्ता में या तो कांग्रेस आएगी या मोदी जी। ....... तब अगर ऐसी घटनाएं होंगी तो उन्हें बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा , और उससे मुश्किल मोदी समर्थको के लिए होगी। क्योंकि जिन मुद्दो को लेकर वो अपने लिए वोट मांग रहे है वही बाते अगर दोबारा हुई तो बीजेपी और मोदी समर्थक फिर कैसे अपने आपको कांग्रेस से अलग कह पाएंगे।
    इसलिए आप इसे दोषारोपण में लेकर आलोचनात्मक दृष्टि से देखे।
    धन्यवाद

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  8. मैंने अपने विचार ऊपर रख दिए हैं ! बार-बार लिखना विवाद कहलाता है ! आप अपने विचारों के लिए स्वतंत्र हैं ! आभार !

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  9. पोस्ट का राजनीतिकरण हो जाने से पोस्ट की खूबसूरती खत्म हो गयी और बेहद खूबसूरत टाइटिल "सकल ताड़ना के अधिकारी" ने अपना अर्थ खो दिया ! जहाँ एक "स्त्री' न्याय का दरवाजा खटखटा रही थी वहीँ अब एक "पुरुष" को कटघरे में खड़ा करके दण्डित किया जा रहा ! बेहद खेदजनक !

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  10. शायद आप सही कह रही है। पोस्ट से सम्बंधित बात करे तो बेहतर रहेगा।
    लेकिन कोई बात नहीं , आजकल का माहौल कुछ है ही ऐसा की जिंदगी की हर घटना और हर पहलू कहीं ना कहीं एक राजनैतिक दृष्टिकोण ले ही लेता है। (वैसे ये भी स्वाभाविक ही है) .
    सकारात्मक दृष्टि से ये एक परिवर्तन की बयार ही है की हम अपने समाज और जीवन की घटनाओ को राजनीती से जोड़कर देखने लगे है। और सवाल भी उठाने लगे है।

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